Stories 2022
विश्व के स्वदेशी लोगों का अंतर्राष्ट्रीय दिवस
एक लोक मान्यता के अनुसार स्वदेशी का अर्थ विदेशी नहीं होना न होकर देशज होना है। जिनका रहन-सहन, खान-पान, मेल-मिलाप, बातचीत, सोच-विचार तथा ज्यादातर हर मामले देशज होते हैं, उन व्यक्तियों की जड़े अपने देश के आसपास होती है। स्वदेशी 'तेरे-मेरे' का कोई संक्रीण दर्शन न होकर सारी दुनिया में स्थानीय समाज का कौशल है और जब एक व्यक्ति समाज के दूसरे व्यक्ति के साथ पूरे मन से मिलकर रहता है, तो सही अर्थों में वहीं स्वदेशी भावना कहलाती है।