विश्व अंडा दिवस
हम सबने सुना है कि ''एक सेब, एक दिन'' डॉक्टर को दूर रखता है। लेकिन यह जानना भी ज़रूरी हैं कि रोजाना एक अंडा खाने से बीमारियां भी दूर रहती हैं। एक सुपरफूड माना जाने वाला अंडा प्रोटीन के सबसे लोकप्रिय स्रोतों में से एक है। इस साल 14 अक्टूबर को मनाया जाने वाला 'विश्व अंडा दिवस' रोजाना अंडे खाने के फायदों के बारे में जागरूकता फैलाता है। विश्व अंडा दिवस यह सुनिश्चित करने का एक शानदार अवसर है कि दुनिया में हर कोई जानता है कि अंडे उच्च गुणवत्ता वाले पोषण का एक उत्कृष्ट, किफायती स्रोत हैं, जो दुनिया को उस पौष्टिक स्रोत को खिलाने में मदद करते हैं । अंडे में प्रोटीन, विटामिन, अमीनो एसिड और लवण(नमक) पाए जाते हैं और ये शरीर को स्वस्थ रखते हैं। डॉक्टरों के अनुसार शरीर को जरूरी पोषक तत्व प्रदान करने के लिए एक अंडे का सेवन जरूर करना चाहिए।
एक जानकारी के अनुसार, विश्व अंडा दिवस पहली बार 1996 में मनाया गया था। जब अंडे की शक्ति का जश्न मनाने का निर्णय लिया गया था। ऑस्ट्रिया की राजधानी वियना में एक सम्मेलन में, अंतर्राष्ट्रीय अंडा आयोग (IEC) ने विश्व अंडा दिवस मनाने की घोषणा की थीं। तब से हर साल अक्टूबर महीने के दूसरे शुक्रवार को विश्व अंडा दिवस मनाया जाता है। दुनिया भर के 40 देशों में लोग इस दिन को बहुत ही रचनात्मक तरीके से मनाते हैं। अंडे के महत्व और पोषण मूल्य के बारे में बताने के लिए दुनिया भर में विभिन्न कार्यक्रम भी आयोजित किए जाते हैं। भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा अंडा उत्पादक है।
जिन लोगों का यह सवाल होता है कि पहले अंडा आया या मुर्गी? तो इसका ज़वाब वैज्ञानिकों के अनुसार यह है कि ओवोक्लाइडिन(ovoclidene) नाम का प्रोटीन अंडे के खोल के निर्माण में बहुत महत्वपूर्ण होता है। और यह प्रोटीन मुर्गी के अंडाशय से पैदा होता है। इसलिये पहले मुर्गी आई और इसके बाद अंडा पैदा हुआ। कुछ लोग माँसाहारी होने की वजह से भी इसका सेवन नहीं करते हैं, मगर यहाँ भी विज्ञान उनकी दुविधा को दूर करने के लिए कहता है कि आजकल बाजार में मिलने वाले सारे अंडे अनफर्टिलाइज्ड (unfertilized) होते हैं। यानि इन अंडों से कभी भी चूजे बाहर नहीं निकलते। ऐसे में अगर इस तर्क को मान लिया जाए तो अंडा शाकाहारी हुआ। अंडे के छिलके में 17 हजार छोटे-छोटे रोम छिद्र होते हैं, जिन्हें इंसान खुली आँखों से नहीं देख सकता है।
आज देश में प्रति वर्ष-प्रति व्यक्ति, अंडे की उपलब्धता केवल 55 के करीब है, इसलिए राष्ट्रीय पोषाहार संस्थान कहता है कि हर इंसान को साल में 180 अंडे खाने चाहिए। एक अंडे में इतना ओमेगा थ्री फैटी एसिड होता है, जो चार केलों के बराबर हैं। अंडे के पीले हिस्से में वसा बहुत ज्यादा होती है, इसी वजह से गर्भवती महिलाओं इसका सेवन करने से परहेज़ करती हैं। कभी भी एक अंडे को 6 मिनट से ज्यादा नहीं उबालना चाहिए। अंडे की ताज़गी को जानने के लिए उसे नमक मिले ठंडे पानी में डालें, अगर वो डूब गया तो इसका मतलब वो ताज़ा है, और अगर वो तैर रहा है, तो वो बासी है। अंडे में कुल 11 अलग-अलग विटामिन और मिनरल होते हैं। सभी खाद्य पदार्थों की अपेक्षा अंडों में प्रोटीन की मात्रा सबसे ज्यादा होती है। अंडे भोजन में ग्लायकेमिक (Glycaemic) का स्तर कम कर देते हैं। इसलिए ये त्वचा के लिए काफी अच्छे माने जाते हैं। अंडे का सफेद हिस्सा ब्लडप्रेशर कम करता है।
विश्व अंडा दिवस का इस वर्ष का विषय, "अंडे, एक बेहतर जीवन के लिए ' अंडों की अन्य महत्वपूर्ण विशेषताओं तथा वे दुनिया भर में इतने सारे ग्रामीण आजीविका के केंद्र में कैसे हैं, इसके तथ्य को भी उजागर करता है। विश्व अंडा दिवस मनाने का उद्देश्य यह है कि कुपोषण एक वैश्विक समस्या है, और अंडे का सेवन इस समस्या का समाधान साबित हो सकता है। अंडे हमारे खाद्य प्रणालियों में तेजी से महत्वपूर्ण भूमिका निभाने की शक्ति रखते हैं, क्योंकि हम अपनी बढ़ती आबादी को अधिक टिकाऊ और कुशल तरीकों से खिलाना चाहते हैं। विश्व अंडा दिवस लोगों को अंडे में मौजूद पोषक तत्वों के बारे में जागरूक करने और इसके सेवन से होने वाले लाभों के बारे में जानकारी देने के लिए मनाया जाता है। इस साल इस विशेष दिन को चिह्नित करने के लिए 100 से अधिक देश प्रतियोगिताओं, डिजिटल अभियानों और त्योहारों के माध्यम से भी सोशल मीडिया पर विश्व अंडा दिवस मनाने की योजना बना रहे हैं। तभी किसी ने सही कहा है--
“संडे हो या मंडे, रोज खाओ अंडे”