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फिलीस्तीनी लोगों के साथ एकजुटता का अंतर्राष्ट्रीय दिवस
आज इजरायल और पैलेसटाइन के विवाद, युद्व से पूरी दुनिया परिचित है। इस विवाद ने युद्ध का एक ऐसा बड़ा रूप ले लिया है जिसने इजरायल और पलेस्टाइन के बहुत बड़े इलाको को तबाह करने में भी परहेज नहीं किया। इजरायल पलेस्टाइन के झगड़े से दोनों देश की आम जनता बहुत हद तक परेशान हो चुकी है। ये एक ऐसा युद्ध बन चुका है जिसे श्रापित युद्ध भी कहा जाता है। लेकिन इससे एक बहुत ही महत्वपूर्ण दिन भी जुड़ा हुआ है। जिसे 'इंटरनेशनल डे ऑफ सॉलिडेरिटी विद द पलेस्टाइन पीपल' के नाम से हर साल 29 नवंबर को मनाया जाता है।
फिलीस्तीनी लोगों के साथ एकजुटता का अंतर्राष्ट्रीय दिवस ; Image Source: prc.org.uk

हर साल मनाया जाता है

हर साल इस आयोजन को यूनाइटेड स्टेट के न्यूयॉर्क में मनाया जाता है। इसके साथ ही यूनाइटेड स्टेट के दूसरे क्षेत्र जैसे जिनेवा वियाना, और नैरोबी में भी 29 नवंबर को इस दिन को बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। अगर इतिहास की तरफ नजर घूमाए तो इजराइल और पलेस्टाइन के बीच चल रहे विवाद को कई साल बीत चुके हैं।

इजरायल पलेस्टाइन की लड़ाई काफी हद तक भारत और पाकिस्तान के युद्ध की तरह ही है। और 1946 से 1947 के आसपास ही भारत और पाकिस्तान की तरह इजराइल और पलेस्टाइन को भी ब्रिटिश हुकूमत से आजादी मिली थी। लेकिन उस समय जिस तरह से भारत और पाकिस्तान के बंटवारे की बात आगे बढ़ी। उसी तरह इजराइल और पलेस्टाइन को भी बांटने की मांग आगे बढ़ती चली गई। ब्रिटिश सरकार ने भारत और पाकिस्तान की तरह ही इजरायल और पलेस्टाइन को भी दो अलग-अलग टुकड़ों में बांट दिया। एक वो जहां अरबी रहा करते थे जिसे पहले पैलेस्टाइन का नाम दिया गया। तो दूसरा वह जहां यहूदियों ने अपना कब्जा किया। जिसे इसराइल का नाम दिया गया। लेकिन बंटवारे के बाद भी इस विवाद ने कम होने का नाम नहीं लिया। बल्कि इजरायल और पलेस्टाइन एक दूसरे पर लगातार हमले करते रहे। सभी का ये मानना था कि देश को बांटने के बजाय उनके देश को ज्यादा महत्वपूर्ण और ज्यादा बड़ा होना ज्यादा जरूरी है। जैसे भारत और पाकिस्तान की सीमाओं में आज भी तनाव की स्थिति देखी जा सकती है। वही स्थिति israel-palestine के बीच भी रही है।

पर सही मायने में देखा जाये तो भारत और पाकिस्तान का युद्ध तो काफी हद तक नियंत्रण में है। पर इजरायल पलेस्टाइन को नियंत्रित कर पाना शायद यूनाइटेड नेशन के भी बस में नहीं है। इसीलिए इसराइल ने बार-बार पैलेस्टाइन पर हमला किया और पैलेस्टाइन के नक्शे को पूरी तरह से बदल कर रख दिया।

दरअसल 29 नवंबर को इजरायल और पैलेसटाइन को लेकर रिजॉल्यूशन 181 पास किया गया था। इस रिज़ॉल्यूशन में इस बात पर सहमति जताई गई थी कि पलेस्टाइन जो पहले एक ही देश हुआ करता था। जिसमें यहूदी और अरबी एक साथ रहते थे। यहूदियों की संख्या अचानक वहां बढ़ने लगी इसके बाद ये तय हुआ कि रिजॉल्यूशन 181 के तहत पलेस्टाइन को दो अलग-अलग हिस्सों में बांट दिया जाएगा। जिसमें से एक इजरायल होगा तो दूसरा पलेस्टाइन। इसी रिजॉल्यूशन 18१ को याद करते हुए हर साल 29 नवंबर को इंटरनेशनल डे ऑफ सॉलिडेरिटी विद द पैलेसटाइन मनाया जाता है।

इतिहास बताता है की सदियों से पलेस्टाइन के क्षेत्र में रहने वाले पलेस्टाइन के लोगों के साथ उस वक्त नाइंसाफी हुई थी। ऐसा पलेस्टाइन के लोगों का मानना है कि यहूदी बाहर से आए थे और ऐसे में बाहर से आए शरणार्थियों को एक तरह से एक अलग देश देना यूनाइटेड नेशन की एक गलती भी है। पलेस्टाइन के लोगों के लिए वो समय सबसे दर्दनाक था। युद्ध में बहुत से लोगों की जान भी गई। पलेस्टाइन के लोग जो सदियों पहले उस पूरे पलेस्टाइन एरिया में राज किया करते थे। वो अब इसराइल के सामने धीरे-धीरे दम तोड़ने लगा है। पलेस्टाइन के लोग उस समझौते को याद करते हुए इस दिन को मनाते हैं। 2021 में यूनाइटेड नेशन के जनरल सेक्रेटरी ने पलेस्टाइन के लोगों के दर्द को याद करते हुए 29 नवंबर को एक ट्वीट भी किया। जिसमें उन्होंने बताया कि पलेस्टाइन की शांति और सुरक्षा खतरे में है।

भूमध्य सागर के किनारे बसे ये दोनों देश इजराइल और पलेस्टाइन पिछले 74 साल से लगातार आपस में लड़ रहे हैं। इतिहास पर नजर डालें तो कई बार ये लड़ाई जमीन की लड़ाई लगती है तो कई बार पहचान की। पर सही मायने में इसका एक रुप धार्मिक भी है। 1947 में यूनाइटेड स्टेट ने एक प्रस्ताव 181 पारित किया था। जिसके बाद से इन दोनों को दो अलग-अलग देशों में बांट दिया गया। लेकिन अगर देखा जाए तो ये दोनों देश अगर किसी एक क्षेत्र को लेकर लड़ रहे हैं। तो वह है जेरूसलेम, वहीं जेरुसलेम जिनसे इनकी धार्मिक मान्यताएं भी जुड़ी हुई है। पर आज इस लड़ाई ने जमीनी स्तर का रूप ले लिया है। आज पैलेस्टाइध का नक्शा छोटे-छोटे टुकड़ों में बदल चुका है। 181 के इस प्रस्ताव के दर्द को याद करते हुए पलेस्टाइन के लोग इस दिन को इंटरनेशनल डे ऑफ सॉलिडेरिटी विद पलेस्टाइन पीपल के रूप में मनाते हैं। इस दिन पैलेस्टाइन के लोगों के साथ हुई त्रासदी, हादसा और उनके दर्द को याद किया जाता है।

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Varsha Singh Author
I am a content creator, and writer. having 4 to 5 years experience of in Fiction and non-fiction writing.

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