मोत्सु त्योहार
नागालैंड की एओ जनजाति हर साल मई के 1 सप्ताह में मोत्सु महोत्सव मनाती है। इस त्योहार में विभिन्न अनुष्ठान किए जाते हैं, यह त्योहार नागालैंड राज्य के शहरी केंद्र मोकोकचुंग में आयोजित किया जाता है। इसे मोत्सु मूंग महोत्सव भी कहा जाता है और यह तीन दिनों के लिए मनाया जाता है। लोग एक समूह में बैठते हैं और एक कैम्प फायर के आसपास दावत करते है।
भारत को त्योहारों का देश कहा जाता है। दिवाली, दशहरा, होली, ईद और क्रिसमस ऐसे त्योहार हैं जो सब जगह मनाए जाते हैं। हर त्योहार को मनाने की अपनी एक खास वजह होती है। त्योहार अपने साथ खुशियां लेकर आते हैं। त्योहार उम्मीद लाते हैं कि हम अपने परिवार और दोस्तों के साथ मिलेंगे त्योहार मनाएंगे, और एक साथ खुशियां बाटेंगे।
उत्तर पूर्व भारत में स्थित नागालैंड एक पहाड़ी राज्य है। इस राज्य को अपनी खुबसूरत वादियों, ठंडे मौसम और वहां रहने वाले कबीलों और त्योहारों के लिए जाना जाता है। नागालैंड में हर साल मई महीने के पहले सप्ताह में मोत्सु त्योहार मनाया जाता है।
यह त्यौहार ट्राइबल लोगों द्वारा मनाया जाता है
यहां रहने वाले 17 कबीलों में एओ ट्राइव नाम का एक कबीला हैं और इसी कबीलें में मोत्सु त्योहार को विशेष रूप से मनाया जाता हैं। दरअसल, मोत्सु त्योहार को फसल उत्सव के रूप में मनाते है मोत्सु त्योहार का मकसद एकता फैलाना है। फसल की कटाई के बाद ये त्योहार मनाया जाता है।
साल भर की मेहनत और तपस्या के बाद खेतों को साफ करने, जंगलों को जलाने और नए बीज बोने का समय आता है नागालैंड के आदिवासियों के लिए मोत्सु त्योहार साल भर की थकान से निकलने और नई बिजाई यानी कि नया बीज बोने की खुशी जाहिर करने का एक तरीका है।
आदिवासी इस त्योहार के दौरान फसलों और अनाज की बढ़ोत्तरी की प्रार्थना करते हैं। एकता से भरे इस त्योहार में सब एक साथ लोक-गीत गाते हैं, साथ ही परंपरागत डांस भी करते है। त्योहार के दौरान फसलों को स्वस्थ रखने के लिए और भगवान को खुश करने के लिए वहां के लोग सुअर और गायों की बलि चढ़ाते हैं।
उत्सव में बांटी जाती है चावल से बनी शराब और मांस
यह त्योहार तीन दिनों के लिए मनाया जाता है। मुख्य त्योहार में सांगपांगटू शामिल है सांगपांगटू में एक बड़ी आग जलाई जाती है। महिलाएं पारंपरिक परिधान और गहने पहनती हैं और पुरुष भी नए कपड़े पहनकर सजते हैं।
महिलाएं और पुरुष आग के चारों ओर घेरा बनाकर बैठते हैं। महिलाएं उत्सव में आने वाले लोगों को चावल से बनी शराब और मांस परोसती हैं। उत्सव के दौरान बहुत सारी प्रतियोगिताएं रखी जाती हैं। जीतने वाले सभी प्रतिभागियों को सबसे अच्छे चावल की बनी शराब से सम्मानित किया जाता है। इस त्योहार के शुरू होने से पहले गांव के सभी गेट बंद कर दिए जाते है। अगर आपको यह त्योहार देखना हैं तो आपको इसके लिए टिकट खरीदनी पड़ेगी। साथ ही त्योहार शुरु होने से पहले अगर आप इस कबीले में अंदर आ गए तो त्योहार खत्म होने से पहले बाहर नही जा सकते। इतना ही नहीं, एक बार त्योहार शुरु होने के बाद आप इस कबीले में अंदर नही आ सकते। यह नियम उन लोगों के लिए है जो गांव से संबध नहीं रखते। नागालैंड में देश विदेश से लाखों पर्यटक घूमने के साथ साथ मोत्सु त्योहार देखने के लिए इकठ्ठा होते है।
यदि कोई स्वदेशी रीति-रिवाजों और परंपराओं, कला रूपों और पूर्वोत्तर भारत की स्वदेशी जनजातियों द्वारा अपनाई जाने वाली जीवन शैली की खोज में रुचि रखता है, तो मोत्सु उत्सव शायद ऐसा करने का सबसे अच्छा अवसर प्रदान करता है।