लाल ग्रह दिवस

हमारी पृथ्वी के ठीक बगल में मौजूद खूबसूरत लाल ग्रह जिसे हम मंगल या रेड प्लेनेट के नाम से भी जानते हैं। वो हमेशा से हम इंसानों के लिए आकर्षण का केंद्र रहा है। बल्कि कहा जाता है कि मंगल और पृथ्वी का गहरा संबध है। दुनिया में बिजनेस मैग्नेट के नाम से मशहूर एलॉन मस्क भी लाल ग्रह या यू कहे मंगल तक पहुंचना चाहते हैं। भारत इसरो के जरिए अपने मंगल ऑर्बिट तक पहुंचने के मिशन में कामयाब हो चुका है।
लाल ग्रह दिवस ; daneelyunus.com

लाल ग्रह दिवस ; daneelyunus.com

इसी लाल ग्रह को ज्यादा से ज्यादा समझने उसके बारे में जानने के लिए हर साल 28 नवंबर को रेड प्लेनेट डे सेलिब्रेट किया जाता है। आज से नहीं बल्कि 1964 से ये दिन मंगल को लेकर काफी खास रहा है। 1964 में जब नासा ने पहली बार मरीनर फोर रोबोटिक इंटरप्लेनेटरी प्रो लॉन्च किया तब एक अनौपचारिक छुट्टी की घोषणा की गई। और सबने नासा की इस सफलता को एक उत्साह की तरह मनाया।

अपने 8 महीने के सफर को सफलतापूर्वक तय करने के बाद मरीनर फोर पहला ऐसा स्पेसक्राफ्ट बना। जिसे नासा के द्वारा मंगल ग्रह पर सफलतापूर्वक उतारा गया। इसी स्पेसक्राफ्ट ने सबसे पहली बार मंगल ग्रह की तस्वीरें दुनिया के सामने लाकर रखी। आज 5 स्पेस क्राफ्ट मंगल ग्रह के ऑर्बिट में और दो स्पेसक्राफ्ट मंगल ग्रह के अंदर उतारा जा चुका है। ये सातो मंगल ग्रह से जुड़ी अलग-अलग जानकारियां पृथ्वी तक भेजते हैं।

मंगल ग्रह की बात की जाए तो ये सौर्य मंडल का सातवां सबसे छोटा ग्रह है। रोमन गॉड के नाम पर इसे मार्स का नाम दिया गया। वहीं हिंदू वैदिक धर्म ग्रंथों में इस ग्रह को मंगल कहकर बुलाया जाता है। ना सिर्फ रोमन माइथोलॉजी बल्कि भारतीय वैदिक सभ्यता में भी ये माना गया है कि पृथ्वी और मंगल के बहुत गुण आपस में मिलते हैं। इनकी सूर्य के चारों तरफ घूमने की गति और भी एक दूसरे से काफी मिलती-जुलती है। जैसे पृथ्वी के चारों तरफ चंद्रमा चक्कर लगाता है उसी तरह मार्स यानी कि मंगल के चारों तरफ भी दो चंद्रमा चक्कर लगाते हैं। क्योंकि ये देखा गया है कि मंगल ग्रह के बहुत से गुण * पृथ्वी की तरह ही है। इसलिए ये भी माना जाता है कि बहुत साल पहले मंगल ग्रह में जीवन संभव हुआ होगा या ये भी कहा जाता है कि आगे आने वाले भविष्य में मंगल ग्रह में जीवन सम्भव है।

अब सवाल ये उठता है कि रेड प्लेनेट डे का उत्सव मनाया कैसे जाता होगा? तै आप ये जान ले की इस दिन हम लाल ग्रह या कहे मंगल के बारे में और ज्यादा समझने की कोशिश करते हैं। हम ये समझने की कोशिश करते हैं कि वो पृथ्वी के कितने समान है और कितना पृथ्वी से अलग? हम पृथ्वी के पर्यावरण की तरह मंगल के पर्यावरण को समझकर ये अनुमान लगाने की कोशिश करते हैं कि क्या सच में आगे भविष्य में मंगल के अंदर जीवन की संकल्पना का ख्वाब देखा जा सकता है।

इसे लेकर बहुत से एस्ट्रोनॉमी क्लब की भी शुरुआत की गई है। जो मंगल ग्रह से जूड़ी जानकारी को एक दूसरे से बांटने का काम करते हैं। पर एक सवाल सबसे बड़ा ये भी है कि आखिर मंगल ग्रह लाल रंग का दिखाई क्यों देता है? तो इसका जवाब है आयरन ऑक्साइड या आयरन रस्ट की मात्रा बहुत ज्यादा अधिक होने के कारण मंगल ग्रह लाल रंग का दिखाई देता है। हर साल 28 नवंबर को रेड प्लेनेट डे सेलिब्रेट किया जा रहा है। इस साल भी 28 दिसंबर को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर रेड प्लेनेट डे या जिसे हम मार्स डे भी कह सकते हैं बड़ी धूमधाम से मनाया जाएगा।

अगर आप भी एलॉन मस्क की तरह मंगल ग्रह में जिंदगी की खोज करना चाहते हैं, तो 28 नवंबर को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मनाए जा रहे वर्ल्ड रेड प्लेनेट डे की झलक देखना मत भूलिएगा। क्योंकि 28 नवंबर को नासा और उसके जैसे सभी अंतरिक्ष विज्ञान संस्थान इस दिन को बड़े उत्साह के साथ मनाएंगे।

36 likes

 
Share your Thoughts
Let us know what you think of the story - we appreciate your feedback. 😊
36 Share